राधा कृष्ण की होली
राधा कृष्ण की होली
आज बरसाने में हो रही गजब सी होली
कृष्णा संग कर रही राधा खूब ठिठोली
आगे आगे कान्हा भागे पीछे राधा रानी
आज कन्हैया को ना छोडूं ऐसी मन में ठानी।
एक हाथ में लट्ठ है थामे एक हाथ घूंघट पट
आज ना बच पाओगे मनोहर बहुत भगाया घट घट
बहुतही मटकी मोरी देखो तुमने तोरी
आज लूंगी मैं बदला तोसे, गांव की मैं हूं गोरी।
देखो राधा रानी नहीं करो मनमानी
कोमल बदन है मोरा, तोसे हार ही मानी
रंगों से भले खेलो या डारो मो पे पानी
लट्ठ चलाओगी जो तुम तो याद आवेगी नानी।
कान अपने पकड़े, नहीं चुराएं, अब से माखन
मटकी जो कोई फोड़ी तो देना तुम हमको दंड
तू जो कहे तो रोज़ बंसी की मीठी तान हम सुनाएं
शाम ढले गोपियों के संग रास से मन बहलाएं
बस करले तू इतना वादा प्रेम सदा निभाना
हठ छोड़ दे, मुझे अब ना लट्ठ से तुम डराना।
मुस्कुरा के राधा रानी, कान्हा की भई प्रेम दीवानी
कान्हा की मीठी बातें का नहीं कोई भी सानी
झट छोड़ लट्ठ, मुट्ठी में रंग लाल भरा सारा
कान्हा पे रंग डाला, कान्हा मय रंग डाला।।
आभार – नवीन पहल – ०३.०३.२०२३ ❤️❤️
# प्रतियोगिता हेतु
Gunjan Kamal
04-Mar-2023 06:33 PM
सुंदर प्रस्तुति
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Ajay Tiwari
04-Mar-2023 08:57 AM
Very nice
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Punam verma
04-Mar-2023 08:18 AM
Very nice
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